Sunday 29 December 2013

महानगरों मे महिलाओं की सुरक्षा

महानगरों मे महिलाओं की सुरक्षा 



आज महानगर औरतों की सुरक्षा की दृष्टि से बदनाम हो रहे हैं। यहाँ दिन-दहाड़े औरतों के साथ जिस तरह की वारदातें हो रही हैं, वे महानगरों के लिए शर्मनाक बात है। महानगर में गाँव से बच्चे पढ़ने-लिखने और नौकरी करने आते हैं। गाँव में उन्हें इस प्रकार की सुविधाएँ प्राप्त नहीं होती है कि वह वहाँ रहकर करें। उन्हें विवशतावश यहाँ आना पड़ता है। जबसे समय बदल रहा है। लड़कियाँ भी बड़े पैमाने पर यहाँ आ रही है। लेकिन जिस सुरक्षा के भाव को लेकर ये लड़कियाँ महानगरों में आ रही है, वह कहीं व्याप्त नहीं होता है। आज हर तीसरे दिन लड़कियों के साथ छेड़छाड़, हत्या, बलात्कार के मामले देखने में आते हैं। पुलिस और प्रशासन इस विषय में स्वयं को दुविधा में पाते हैं। उनके द्वारा जितने भी वादे किए गए हैं, वे सब खोखले सिद्ध हो रहे हैं।

No comments:

Post a Comment